महिला एवं बाल विकास विभाग ने वीरवार को मटटनसिद्ध, कंजयाण और लंबलू में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए मिशन शक्ति के तहत लैंगिक समानता पर आधारित विशेष क्षमता निर्माण एवं जागरुकता शिविर आयोजित किए।


 इन शिविरों की अध्यक्षता करते हुए जिला कार्यक्रम अधिकारी अनिल कुमार ने कहा कि दुनिया की आधी आबादी महिलाओं की है और इन्हें समानता का अधिकार दिए बगैर किसी भी देश या समाज के सर्वांगीण विकास की कल्पना ही नहीं की जा सकती है। सशक्त महिला ही विकसित समाज का निर्माण कर सकती है।


 इस अवसर पर जेंडर स्पेशलिस्ट वंदना ठाकुर ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि लैंगिक समानता का मतलब है पुरुषों और महिलाओं के बीच समान अवसर और अधिकार। लेकिन, दुर्भाग्यवश अभी तक हमारा समाज इसे पूरी तरह से लागू नहीं कर पाया और कई महिलाओं को अभी भी उनके अधिकारों से अनजान एवं वंचित रखा जाता है। वंदना ठाकुर ने कहा कि महिलाएं केवल पेशेवर जीवन में ही नहीं, बल्कि घरेलू जिम्मेदारियों में भी महान होती हैं।

वे घर के कामों से लेकर बच्चों की देखभाल तक हर जिम्मेदारी को कुशलता से निभाती हैं। यही कारण है कि वे मल्टीटास्किंग में निपुण होती हैं। कई कामकाजी महिलाएं पेशेवर और व्यक्तिगत जीवन में बहुत ही अच्छा संतुलन बनाए रखती हैं। उन्होंने कहा कि आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में कई महिलाएं अपने सपनों को पूरा करने के अवसर से वंचित हैं।

उन्होंने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से महिला सशक्तिकरण के लिए हरसंभव प्रयास करने की अपील की, ताकि एक ऐसे समाज का निर्माण हो सके, जहां हर महिला को अपने सपने साकार करने का पूरा अवसर मिले।


 इन शिविरों के दौरान बाल विकास परियोजना अधिकारी कुलदीप सिंह चौहान ने भी कई महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं।

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