Shimla News : राज्यपाल ने निर्मल ठाकुर को प्रथम सप्त सिंधु लाइफटाइम अवॉर्ड प्रदान किया

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Governor presents first Sapt Sindhu Lifetime Award to Nirmal Thakur
Governor presents first Sapt Sindhu Lifetime Award to Nirmal Thakur

राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज यहां राजभवन में निर्मल ठाकुर को शिक्षा, साहित्य और सामाजिक जीवन के क्षेत्र में असाधारण योगदान के लिए सप्त सिंधु फाउंडेशन दिल्ली द्वारा आयोजित प्रथम महाराजा दाहिर सेन सप्त सिंधु लाइफटाइम अवॉर्ड प्रदान किया।https://tatkalsamachar.com/una/
इस अवसर पर राज्यपाल ने फाउंडेशन को महाराजा दाहिर सेन के नाम पर सप्त सिंधु अवॉर्ड स्थापित करने के लिए बधाई देते हुए कहा कि वेदों में सप्त सिंधु का उल्लेख है।    
राज्यपाल ने कहा कि यह सात नदियों का बहुत व्यापक क्षेत्र था जिसमें चार नदियां सतलुज, ब्यास, चिनाव और रावी हिमाचल प्रदेश से बहकर जाती हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश को सप्त सिंधु क्षेत्र की देवभूमि भी कहा जाता है। राज्यपाल ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह सौभाग्य की बात है कि पहला सप्त सिंधु अवॉर्ड कार्यक्रम भी हिमाचल में ही आयोजित हुआ।  
उन्होंने कहा कि सिंधु नरेश महाराजा दाहिर सेन ने आक्रमणकारियों से कभी समझौता न कर उनके खिलाफ संघर्ष किया और देश की रक्षा करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। उन्होंने दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे महान और शूरवीर शख्सियत को इतिहास में उचित स्थान नहीं दिया गया। उन्होंने उम्मीद जताई कि महाराजा दाहिर सेन के नाम पर दिया जाने वाला यह सप्त सिंधु लाइफटाइम पुरस्कार इतिहासकारों को समीक्षा का अवसर भी प्रदान करेगा।https://youtu.be/ho2x4lQx_Dk?si=Wbm1xhQoWB-3OXDY
राज्यपाल ने निर्मल ठाकुर को बधाई देते हुए कहा कि वह जीवन पर्यन्त इस क्षेत्र से जुड़ी रहीं तथा हिमाचल प्रदेश के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में अध्यापन का कार्य किया। उनका सम्मान पूरे प्रदेश के लोगों का सम्मान है। राज्यपाल ने कहा कि निर्मल ठाकुर द्वारा शिक्षित छात्र आज विभिन्न क्षेत्रों में उच्च पदों पर सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी शिक्षक के लिए सबसे बड़ा सम्मान उसके विद्यार्थी होते हैं। जब शिक्षक द्वारा शिक्षित छात्र जीवन में विभिन्न क्षेत्रों में तरक्की के मार्ग पर आगे बढ़ते हैं तो शिक्षक को खुशी की चरम अनुभूति होती है। राज्यपाल ने कहा कि निर्मल ठाकुर अपनी काव्य रचनाओं के जरिए साहित्य के क्षेत्र में खूब नाम कमाया है और बहुत ख्याति प्राप्त की है।
उन्होंने कहा कि रियल्म ऑफ थॉट्स और अंडरस्टैंडिंग ऑफ लाइफ उनके दो ऐसे काव्य संग्रह है जिसने उन्हें हिमाचल प्रदेश की साहित्यिक दुनिया में पहचान दिलाई।  राज्यपाल ने कहा कि उनकी कविताएं भावनात्मक हैं और जीवन दर्शन के विभिन्न पहलुओं को व्यक्त करती हैं। उन्होंने कहा कि लगभग 90 वर्ष की आयु में भी वह प्रदेश में हो रही विभिन्न सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय हैं।
निर्मल ठाकुर ने राज्यपाल का आभार व्यक्त करते हुए कहा यह पुरस्कार प्राप्त करने के बाद उनका मनोबल बढ़ा है तथा इससे उन्हें एक लेखिका के रूप में अपनी कलम की ताकत को और मजबूत करने का प्रोत्साहन मिला है।
उन्होंने कहा कि जीवन में अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आपको हर कदम पर अपने परिवार के सहयोग और संबल की आवश्यकता होती है और इसके लिए वह खुद को सौभाग्यशाली मानती हैं क्योंकि यह सब उन्हें परिवार से भरपूर मिला।
उन्होंने इसका श्रेय अपने दिवंगत पति न्यायमूर्ति एच.एस. ठाकुर को दिया, जो हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश थे। निर्मल ठाकुर ने कहा कि उन्होंने ही उन्हें लेखन के लिए प्रेरित किया।
इससे पूर्व, सप्त सिंधु फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रोफेसर कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने राज्यपाल का स्वागत किया और उन्हें सप्त सिंधु सम्मान और फाउंडेशन के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. अरुण कुमार शर्मा ने सभी का आभार व्यक्त किया।
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सुरेश्वर ठाकुर, राज्यपाल के सचिव सी.पी. वर्मा और अन्य गणमान्य इस मौके पर उपस्थित थे।

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