शिमला/कांगड़ा, 11 सितम्बर 2025
हिमाचल प्रदेश योगासन स्पोर्ट्स एसोसिएशन ने प्रदेश सरकार और प्रशासन से कड़े शब्दों में मांग की है कि कांगड़ा में 13–14 सितम्बर को होने वाली फर्जी योगा चैम्पियनशिप को तुरंत निरस्त किया जाए और दोषी व्यक्तियों पर आपराधिक मामला दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाए। संघ ने कहा कि यह मामला केवल संगठनात्मक धोखाधड़ी का नहीं बल्कि सीधे तौर पर खिलाड़ियों और उनके अभिभावकों के भविष्य से जुड़ा हुआ प्रश्न है। यदि सरकार और प्रशासन समय रहते संज्ञान नहीं लेते हैं तो इससे योगासन खेल की साख और प्रदेश की खेल संस्कृति को गहरा आघात पहुँचेगा।

संघ ने माननीय आयुष, युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री श्री यादविन्दर गोम्मा जी को ज्ञापन में आरोप लगाया कि “हिमाचल योगा एसोसिएशन” नामक संगठन बिना किसी वैध पंजीकरण और मान्यता के प्रदेशभर में सक्रिय है। यह संगठन स्वयं को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय महासंघों से जुड़ा बताकर भोले-भाले खिलाड़ियों और उनके परिवारों से मोटी फीस वसूलता है तथा उन्हें ऐसे प्रमाण पत्र जारी करता है जिनकी कोई आधिकारिक मान्यता नहीं होती। खिलाड़ियों और उनके परिवारों को इस भ्रम में रखा जाता है कि ये प्रमाणपत्र उनके भविष्य को संवारेँगे, जबकि वास्तविकता इसके ठीक विपरीत है।

संयुक्त सचिव श्री विनोद कुमार ने स्पष्ट किया कि यह संगठन हिमाचल प्रदेश सोसायटीज़ रजिस्ट्रेशन एक्ट, 2006 के अंतर्गत पंजीकृत नहीं है और न ही इसे हिमाचल प्रदेश खेल परिषद से कोई एन.ओ.सी. प्राप्त है। इतना ही नहीं, यह संगठन बिना जिला स्तरीय प्रतियोगिताएं आयोजित किए सीधे “स्टेट चैम्पियनशिप” करवा रहा है। खिलाड़ियों को जो प्रमाण पत्र दिए जा रहे हैं वे अमान्य हैं और उनका उपयोग न तो खेल कोटे में, न छात्रवृत्ति में और न ही किसी सरकारी मान्यता प्राप्त प्रतियोगिता में किया जा सकता है। यह सीधा-सीधा खिलाड़ियों के भविष्य से खिलवाड़ और आर्थिक धोखाधड़ी का मामला है।

संघ ने बताया कि इस अवैध संगठन से जुड़े लोगों में रमन शर्मा (राज्य सचिव), आचार्य महेन्दर शर्मा (अध्यक्ष), वरिंदर चौधरी (अध्यक्ष), योगी रणजीत सिंह (सचिव), प्रिंस मोहन (संगठन सचिव), सुनील कौल (कोषाध्यक्ष) और जिमी ठाकुर (समन्वयक) जैसे नाम प्रमुख हैं। संघ के अनुसार इन सभी ने मिलकर योजनाबद्ध तरीके से खिलाड़ियों और अभिभावकों को गुमराह किया है और हजारों रुपये ठगे हैं।

संघ ने एक गंभीर खुलासा किया कि इस फर्जी संगठन द्वारा छपे पोस्टरों में एक खिलाड़ी यशोवर्धन आत्री, जो कि HIM Academy Public School का छात्र है, की तस्वीर का अनुचित प्रयोग किया गया। जबकि वास्तविकता यह है कि यशोवर्धन पहले ही हमीरपुर में आयोजित राज्य स्तरीय चैम्पियनशिप में भाग ले चुका है और अब वह 6th Junior & Senior Category (Men & Women) National Championship में भाग लेने जा रहा है, जो PB Siddhartha Arts & Science College, विजयवाड़ा (आंध्र प्रदेश) में 28 सितम्बर से 1 अक्टूबर 2025 तक होगी। उसके सभी दस्तावेज़ और औपचारिकताएँ मान्यता प्राप्त नियमों और विनियमों के अनुसार पूरी की जा चुकी हैं। संघ ने सवाल उठाया कि जब खिलाड़ी पहले ही वैध प्रतियोगिता से राष्ट्रीय स्तर तक पहुँच चुका है, तो उसकी तस्वीर फर्जी चैम्पियनशिप में क्यों लगाई गई।

गौरतलब है कि HIM Academy के प्रबंध निदेशक श्री पंकज लखनपाल जिला हमीरपुर के लिए हिमाचल प्रदेश योगासन स्पोर्ट्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष भी हैं। जब संयुक्त सचिव श्री विनोद कुमार ने उनसे इस विषय पर बात की और अवगत करवाया कि उन्हीं के विद्यालय में कार्यरत योगा शिक्षक जिमी ठाकुर छात्रों को पैसे के लालच में फर्जी संगठन की प्रतियोगिताओं में ले जाया करता है, तो इस पर गहरी चिंता व्यक्त की गई। इस संबंध में श्री विनोद कुमार ने स्पष्ट मांग रखी कि जिमी ठाकुर जैसे व्यक्तियों को तत्काल प्रतिबंधित किया जाए और हिमाचल प्रदेश सरकार ऐसे तत्वों पर सख्त कार्रवाई करे, जो प्रदेश के खिलाड़ियों के करियर से खिलवाड़ कर रहे हैं।

गौरतलब है कि संयुक्त सचिव श्री विनोद कुमार ने 10 सितम्बर 2025 को ही माननीय खेल मंत्री, उपायुक्त कांगड़ा और पुलिस अधीक्षक कांगड़ा को लिखित पत्र के माध्यम से इस फर्जी संगठन की पूरी जानकारी उपलब्ध करवा दी थी। उन्होंने अपने पत्र के साथ आवश्यक दस्तावेज़ भी संलग्न किए ताकि प्रशासन और सरकार समय रहते सचेत हो जाएँ और हिमाचल प्रदेश के खिलाड़ियों को इस धोखाधड़ी से बचाया जा सके।

संघ ने अपनी वैधता और मान्यता के दस्तावेज़ भी प्रस्तुत किए। संघ ने बताया कि उसे हिमाचल प्रदेश खेल परिषद से NOC संख्या 5-247/2022-SC-3895-95 दिनांक 4 नवम्बर 2022 को प्राप्त हुई है। साथ ही यह सोसायटीज़ रजिस्ट्रेशन एक्ट के अंतर्गत पंजीकरण संख्या HPCD-11369 दिनांक 13 दिसम्बर 2022 से विधिवत पंजीकृत है। संघ योगासन भारत (पूर्व में राष्ट्रीय योगासन स्पोर्ट्स फेडरेशन) से संबद्ध है, जिसे भारत सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय ने मान्यता दी हुई है। इसके अतिरिक्त, संघ इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन का सहयोगी सदस्य और वर्ल्ड योगासन से भी जुड़ा हुआ है।

संघ ने सरकार से पाँच बिंदुओं पर ठोस कार्रवाई की माँग की है – कांगड़ा में होने वाली फर्जी चैम्पियनशिप को तत्काल रद्द किया जाए, दोषियों पर एफ.आई.आर. दर्ज कर उन्हें कानून के दायरे में लाया जाए, खिलाड़ियों और अभिभावकों से वसूली गई रकम की जांच कर उन्हें वापिस दिलाई जाए, इस संगठन को ब्लैकलिस्ट कर भविष्य में ऐसे प्रयासों पर रोक लगाई जाए और जन-जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को फर्जी संगठनों से सतर्क किया जाए।

संघ ने कहा कि यह केवल आर्थिक धोखाधड़ी नहीं है बल्कि खिलाड़ियों की जिंदगी और करियर से जुड़ा हुआ मसला है। यदि बच्चों को बार-बार इस प्रकार गुमराह किया जाएगा तो उनकी मेहनत, समय और ऊर्जा व्यर्थ चली जाएगी। ऐसे में राज्य की खेल संस्कृति पर नकारात्मक असर पड़ेगा और योगासन जैसे पारंपरिक खेल की गरिमा धूमिल होगी। अंत में संघ ने चेतावनी दी कि यदि सरकार और प्रशासन समय रहते कदम नहीं उठाते हैं तो यह प्रदेश की खेल संस्कृति के साथ विश्वासघात होगा। संघ ने ज्ञापन के साथ 15 प्रमाणिक दस्तावेज़ और 5 साक्ष्य (बैनर, समाचार कटिंग, कानूनी दस्तावेज़ आदि) भी सौंपे हैं ताकि सरकार तत्काल ठोस कार्रवाई कर सके।

👉 “खिलाड़ियों का भविष्य बचाना हम सबकी जिम्मेदारी है। यदि समय रहते कार्यवाही न हुई तो आने वाली पीढ़ियाँ इसे खेल इतिहास का सबसे बड़ा धोखा मानेंगी।” – हिमाचल प्रदेश योगासन स्पोर्ट्स एसोसिएशन

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