भारत सरकार और विदेशी वित्तपोषित परियोजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए जमीन की किल्लत से जूझ रही जयराम सरकार ने इसका रास्ता खोजा है. हिमाचल की जयराम सरकार अब प्रदेश में की सरकारी विभागों और भारत सरकार की परियोजनाओं के पास बेकार पड़ी जमीन को ढूंढेगी. राजस्व मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने राजस्व अधिकारियों को पूरी डिटेल देने के निर्देश दिए हैं.

सरकारी विभागों में शिक्षा विभाग, पशुपालन, बागवानी, कृषि, सेरीकल्चर सहित कई विभागों में जमीनें खाली पड़ी हैं, जिनका अभी कोई उपयोग नहीं हो रहा है. राजस्व मंत्री ने ऐसी सारी डिटेल की जानकारी मांगी है, ताकि भारत सरकार की मदद या विदेशी वित्तपोषित परियोजनाओं को लगाने के लिए इन जमीनों का उपयोग किया जा सके. क्योंकि इसके लिए सरकार को एफसीए क्लीयरेंस के झंझट से मुक्ति मिल जाएगी.

भारत सरकार के प्रोजेक्ट से भी वापस ली जाएगी जमीन
भारत सरकार के भी हिमाचल में कई प्रोजेक्टस हैं, जिन्हें प्रदेश सरकार ने लीज पर जमीनें दे रखी हैं. ब्यास, सतलुज सहित रावी बेसिन में कई बड़ी-बड़ी परियोजनाएं हैं. ऐसी जमीनें बीबीएमबी, कोल डैम, पौंग डैम, एनएचपीसी, चमेरा सहित कई परियोजनाओं के पास हैं. भाखड़ा-ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड की सुंदनगर, सलापड़, पंडोह कालोनियां खाली पड़ी हैं. वहीं बग्गी से सुंदरनगर नहर के किनारे भी जमीनें बेकार पड़ी हैं. ऐसे में प्रदेश सरकार इन सारी जमीनें की डिटेल एकत्र करके भारत सरकार से मांग करेगी कि इन जमीनों को प्रदेश को लौटाया जाए, ताकि यहां पर विकासात्मक प्रोजेक्ट लगाए जा सकें.

Share:

editor

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *