दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर एक लाइव संदेश मे कहा कि दिल्ली के कुछ निजी अस्पताल पहले जान-बूझकर लोगों से बेड भरने की बात कह रहे हैं और ज़्यादा गिड़गिड़ाने पर लाखों रुपये मांगते हैं.

उन्होंने कहा, “दिल्ली के स्वास्थ्य तंत्र में निजी अस्पतालों ने बहुत योगदान किया है. मैं उन्हें सलाम करता हूं लेकिन बहुत से अस्पताल इस महामारी के वक़्त भी ग़लत हरकतें कर रहे हैं.”

केजरीवाल ने कहा, “इन्हीं समस्याओं को देखते हुए हमने डेल्ही कोरोना ऐप लॉन्च किया, जहां अस्पतालों में मौजूद बेड और वेंटिलेटर जानकारी सार्वजनिक रहती है लेकिन कुछ लोगों को ये पसंद नहीं आया. मैं आपको बता दूं कि अस्पताल ख़ुद अपने बेड और वेंटिलेटर की जानकारी ऐप पर अपडेट करते हैं. इसलिए अगर वो कहते हैं कि उनके पास ऐप नहीं है तो वो झूठ बोल रहे हैं.”

मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में अस्पताल पैसे कमाने के लिए नहीं बल्कि लोगों की सेवा के लिए बनवाए गए थे. केजरीवाल ने अस्पतालों को चेतावनी देते हुए कहा कि उन्हें कोरोना के मरीज़ तो लेने ही पड़ेंगे. उन्होंने कहा कि शुक्रवार से हमारी टीम हर निजी अस्पतालों के अधिकारियों को बुलाकर उनसे बात कर रही है.

उन्होंने कहा, “मैंने देखा कि कुछ लोगों को परेशानी हो रही है. लेकिन मुझे थोड़ा टाइम दीजिए, मैं ये सब ठीक कर दूंगा. अब से दिल्ली सरकार का एक स्वास्थ्यकर्मी हर प्राइवेट अस्पताल के रिसेप्शन पर बैठेगा और वहां की हर जानकारी हमें देगा.”

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