जिला मुख्यालय के बचत भवन में स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिला टास्क फोर्स कमेटी की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता अतिरिक्त उपायुक्त बिलासपुर डॉ निधि पटेल ने की। बैठक में बरसात के दौरान जल जनित रोगों के नियंत्रण के लिए विभागों द्वारा किए जा रहे हैं कार्यों की समीक्षा की गई।
अतिरिक्त उपायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जल जनित बीमारियों से लोगों को बचाने के लिए पानी शुद्धता की जांच नियमित रूप से किया जाए और पानी टंकियों की साफ-सफाई के साथ क्लोरिनाइजेशन भी किया जाए। कहा कि वर्षा काल में डायरिया, पीलिया, टाइफाइड जैसे बीमारियां दूषित जल से होती है।
बैठक में जल शक्ति विभाग, पंचायती राज विभाग, सभी उपमंडल अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग को आपसी समन्वय से कार्य करने के निर्देश दिए गए। ताकि जिला में जल जनित रोगों को रोका जा सके।
उन्होंने कहा कि जिला बिलासपुर में वर्ष 2024 के दौरान अब तक डेंगू स्क्रब टायफस और मलेरिया के कोई भी मामले सामने नहीं आए हैं जबकि वर्ष 2023 के दौरान डेंगू के 83 और स्क्रब टायफस के 217 मामले देखने को मिले थे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 के डाटा को देखते हुए जिला बिलासपुर में भी जलजनित रोगों को रोकने के लिए अतिरिक्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
अतिरिक्त उपायुक्त ने बरसात के दौरान डायरिया फैलने से रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए। https://tatkalsamachar.com/wp-admin/post.php?post=27086&action=edit उन्होंने विभाग को बरसात के दौरान ओआरएस और जिंक के टैबलेट्स आशा वर्कर्स के माध्यम से 5 वर्ष के आयु से कम बच्चों के घरों तक पहुंचाने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 के दौरान डायरिया के रोकथाम सफाई और ओआरएस से अपना ध्यान रखो स्लोगन के माध्यम से लोगों को डायरिया के प्रति सचेत करने के लिए प्रदेश सहित पूरे देश में अभियान चलाया जा रहा है।
उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को स्कूलों में बच्चों को बरसात में होने वाली जल जनित रोगों के बारे में अवगत कराने के निर्देश दिए इसके अतिरिक्त बच्चों को साफ सफाई रखने और हाथ धोकर भोजन करने के बारे में अवगत कराने के निर्देश दिए।
उन्होंने जिला पंचायत अधिकारी को सभी पंचायत प्रधानों को बरसात के दौरान जल जनित रोगों से होने वाले बीमारियों को रोकने और बरसात के दौरान अपने-अपने पंचायत में ठहरे हुए पानी में मलेरिया की संभावनाओं को खत्म करने के लिए कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग और नगर परिषद विभाग के अधिकारियों को डेंगू के खतरे से बचने के लिए नियमित तौर पर फॉगिंग करने के निर्देश दिए।
डॉ निधि पटेल ने जिला वासियों से अपील करते हुए कहा है कि बरसात के दौरान ठहरे हुए पानी में मच्छरों के पैदा होने से डेंगू के फैलने की संभावनाएं बनी रहती है https://youtu.be/ataF8MnrWCo?si=iMQcINY3TDhUlhje इसीलिए जिला वासी अपने आसपास के क्षेत्र में साफ सफाई रखें अपने घरों के आसपास नालियों में मच्छरों को पनपने ना दे ताकि डेंगू के फैलने की संभावनाओं को रोका जा सके।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रवीण कुमार ने जल जनित रोगों को रोकने के लिए किए जा रहे हैं विभिन्न प्रयासों के बारे में कमेटी को अवगत करवाया।