मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने आज कुल्लू जिले के नीरथ में लूहरी जल विद्युत परियोजना के प्रभावितों के साथ मुलाकात की और उनकी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वे स्वयं एक आम परिवार से आते हैं, इसलिए आम आदमी के दुख दर्द से भली भांति से परिचित हैं। उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार ने जल विद्युत परियोजनाओं में हिमाचल प्रदेश के हितों को गिरवी रखा जिसके कारण हिमाचल प्रदेश को कोई लाभ नहीं मिल रहा है जबकि बड़ी बड़ी कंपनियां हिमाचल प्रदेश के संसाधनों का उपयोग कर चांदी कूट रहीं हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एसजेवीएनएल कम्पनी के साथ लूहरी और सुन्नी जल विद्युत परियोजनाओं में राज्य की हिस्सेदारी बढ़ाने का मामला उठाया गया है। इस सम्बन्ध में केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री से भी बात की गई है और कानूनी लड़ाई भी लड़ी जा रही है। उन्होंने कहा कि वह हिमाचल प्रदेश की सम्पदा को लूटने नहीं देंगे और अगर कम्पनी ने हिमाचल की हिस्सेदारी नहीं बढ़ाई तो सुन्नी और लूहरी जल विद्युत परियोजनाओं को टेकओवर किया जाएगा।
ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने कहा कि जल विद्युत परियोजना के प्रभावितों के हितों को सुरक्षित रखा जाएगा और उनकी मांगों पर सरकार गंभीरता से विचार करेगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार आम आदमी की सरकार है और पहले दिन से ही गरीब और गांव की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार के प्रयासों के चलते ही हिमाचल प्रदेश के राजस्व में 2200 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए दूध के दाम में ऐतिहासिक बढ़ोतरी की गई है तथा गाय के दूध को 45 रुपये और भैंस के दूध को 55 रुपये प्रति किलो खरीदा जा रहा है। उन्होंने कहा कि मनरेगा की दिहाड़ी बढ़ाकर 300 रुपये और दिहाड़ीदारों की न्यूनतम मजदूरी को बढ़ाकर 400 रुपये किया गया है। उन्होंने कहा कि विधवाओं और एकल नारियों के बच्चों की शिक्षा का पूरा खर्च राज्य सरकार उठा रही है और उन्हें घर बनाने के लिए तीन लाख रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। इसके साथ ही 70 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों के इलाज का पूरा खर्च भी सरकार वहन कर रही है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने आज कुल्लू जिले के आनी में एक चुनावी जनसभा को सम्बोधित किया और कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी विक्रमादित्य के पक्ष में प्रचार किया। बागियों पर बरसते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 6 विधायक राज्यसभा चुनाव के दौरान भाजपा की राजनीतिक मंडी में बिक गए और प्रदेश सरकार को गिराने का असफल प्रयास किया। उन्होंने कहा कि बागी विधायक डील की दूसरी किश्त पाने के लिए एक महीने तक हिमाचल प्रदेश से बाहर घूमते रहे और पूरी किश्त मिलने के बाद भाजपा में शामिल हो गए। उन्होंने कहा कि भाजपा और बागियों का षडयंत्र कामयाब नहीं हो पाया और अब बारी जनबल की है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को केवल जनता ही बचा सकती है। यह लड़ाई न्याय और अन्याय के बीच है लेकिन अन्ततः सत्य की ही जीत होगी। उन्होंने कहा कि राजनीतिक मंडी में बिके विधायकों को जनता कभी माफ नहीं करेगी।
ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने कहा कि कंगना रनौत हिमाचल प्रदेश की बेटी और एक अच्छी अदाकारा हैं । उन्होंने कहा कि एक्टर चाहे कितना भी अच्छा क्यों न हो, अगर निर्देशक फ्लॉप हो तो फिल्म कभी सफल नहीं होती। उन्होंने कहा कि 25 सीटों वाले डायेक्टर ने कांग्रेस उम्मीदवार विक्रमादित्य के डर से चुनाव में अपने को दूर रखने के लिए कंगना को 40 दिन की शूटिंग के लिए राजी कर लिया, लेकिन फ्लॉप निर्देशक की फिल्म फ्लॉप होना तय है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास विक्रमादित्य सिंह जैसा टॉप का हीरो है, जो आम लोगों की परेशानियों को समझता है और जनसेवा ही उसका एकमात्र ध्येय है। उन्होंने कहा कि विक्रमादित्य ने आपदा के समय भी बढ़चढ़ काम किया और आपदा प्रभावित सड़कों को बहाल करवाया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा के दौरान वर्तमान राज्य सरकार ने कुल्लू जिले में फंसे 75 हजार पर्यटकों को घर पहुंचाया और रिकॉर्ड 48 घंटे के समय में बिजली, पानी और सड़क सुविधा को अस्थाई रूप से बहाल करवाया। आपदा के बावजूद बागवानों का एक एक सेब मंडियों तक पहुंचाया गया । उन्होंने कहा कि सेब के न्यूनतम समर्थन मूल्य में राज्य सरकार ने ऐतिहासिक डेढ़ रूपये की वृद्धि कर इसे 12 रूपये किया है। उन्होंनेे कहा कि आपदा में भाजपा ने केवलमात्र राजनीति की और आपदा प्रभावित परिवारों के साथ खड़ी नहीं हुई।
ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने पहली ही कैबिनेट बैठक में पुरानी पैंशन को बहाल किया। वहीं राजस्थान में भाजपा की सरकार बनते ही पुरानी पैंशन को बन्द कर दिया गया। उन्होंने कहा कि अब हिमाचल भाजपा के नेता एनपीएस के 9000 करोड़ रूपये रूकवाने में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने एक अप्रैल, 2024 से महिलाओं को सम्मान निधि के रूप में 1500 रूपये प्रदान करने का निर्णय लिया है। जबकि भाजपा चुनाव आयोग के पास जाकर इसे रूकवाने में लगी है। उन्होंने कहा कि जून महीने में महिलाओं कोेे 3000 रूपये एक साथ दिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पिछले वर्ष आई इतिहास की सबसे बड़ी आपदा में 4000 घर पूरी तरह से तबाह हुए तथा 22000 परिवार इससे प्रभावित हुए। उन्होंने कहा कि आपदा से राहत के लिए केन्द्र सरकार ने कोई मदद नहीं दी तथा वर्तमान राज्य सरकार ने अपने सीमित संसाधनों से ही आपदा प्रभावितों के लिए 4500 करोड़ रूपये का विशेष राहत पैकेज दिया है तथा पूरी तरह से मकान क्षतिग्रस्त होने पर मुआवजे को डेढ़ लाख रूपये से बढ़ाकर सात लाख रूपये किया।
इस अवसर पर मंडी लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह भी मौजूद थे।