माॅनसून पूर्व तैयारियों को लेकर वर्चुअल माध्यम से की जिला स्तरीय बैठक
जिला के किसी भी भाग में किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने के लिए सभी विभागों को उपयुक्त तालमेल के साथ एक टीम की तरह कार्य करना चाहिए। आपदा के दौरान क्षति को कम करने तथा राहत व बचाव कार्यों में प्रत्येक विभाग और व्यक्ति का योगदान आवश्यक है। यह बात उपायुक्त ऋचा वर्मा ने आज यहां माॅनसून पूर्व तैयारियों को लेकर वर्चुअल माध्यम से आयोजित जिला स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि कुल्लू जिला अनेक प्रकार की आपदाओं की दृष्टि से संवेदनशील है और पहले से ही सभी विभागों को आवश्यक ऐहतियाती प्रबंध कर लेने चाहिए।
ऋचा वर्मा ने कहा कि बहुत सारे ऐसे उपाय हैं जो अनेक आपदाओं को आने से रोक सकते हैं। इन छोटे-छोटे उपायों और आपदा प्रबंधन पर संबंधित विभागों को गहन अध्ययन की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि माॅनसून के दौरान बादल फटना, ल्हासे गिरना अथवा भूःस्खलन जैसी समस्याएं अधिक रहती हैं। लोक निर्माण विभाग तथा राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को सड़कों के आस-पास नालियों व पानी निकासी की समुचित व्यवस्था करनी चाहिए। उन्होंने संबंधित विभागों को आपदा की दृष्टि से जिले के संवेदनशील स्थलों को चिन्हित करके इसकी रिपोर्ट सौंपने को कहा।
वैकल्पिक सड़क मार्गों का किया जाए समुचित रख-रखाव
उपायुक्त ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को राजमार्गों पर ल्हासे गिरने व भूःस्खलन वाले संवेदनशील स्थलों की प्राथमिकता के आधार पर मुरम्मत करने को कहा ताकि अनावश्यक जाम की समस्या से बचा जा सके और साथ ही लोगों की सुरक्षा को भी सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को जिले में वैकल्पिक संपर्क सड़कों का भी समय पर उचित रख-रखाव करने को कहा ताकि मुख्य राजमार्गों के अवरूद्ध होने की स्थिति में अथवा किसी आपदा की स्थिति में यातायात अवरूद्ध न हो।
अधीक्षण अभियंता लोक निर्माण ने अवगत करवाया कि जिला की विभिन्न पांच सड़कें काफी संवेदनशील हैं जो अत्यधिक वर्षा के कारण प्रभावित हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि विभाग के पास 750 मजदूर तथा पर्याप्त संख्या में जे.सी.बी.ए डोजर व टिप्पर उपलब्ध हैं। मशीनरी को संवेदनशील सड़कों के समीप तैनात कर दिया जाएगा ताकि बहाली का कार्य तुरंत से किया जा सके।
निर्बाध स्वच्छ पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करें आईपीएच
उपायुक्त ने जल शक्ति विभाग को जिले के सभी भागों में स्वच्छ व निर्बाध जलापूर्ति सुनिश्चित बनाने को कहा। उन्होंने कहा कि पानी की कमी वाले क्षेत्रों में हैण्ड पंपों को तुरंत क्रियाशील बनाया जाए, ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय लोगों के सहयोग से पारम्परिक जल-स्त्रोतों बावड़ियों इत्यादि की सफाई करवाने की व्यवस्था की जाए। हालांकि अधीक्षण अभियंता ने बैठक में अवगत करवाया कि जिला में 36 एसी पेयजल योजनाएं हैं जो भूस्खलन या अन्य आपदाओं के कारण प्रभावित हो सकती हैं। अन्य सभी पेयजल योजनाएं सही से कार्य कर रही हैं और कहीं पर भी पानी की कमी नहीं है। ऋचा वर्मा ने कहा कि जिले के सभी स्कूलों में पानी की टंकियों की नियमित सफाई सुनिश्चित की जाए।
संवेदनशील प्र्वाइंटस् कि सूची उपलब्ध करवाएं विभाग
ऋचा वर्मा ने लोक निर्माण विभाग को जिला में सभी संवेदनशील प्वांटस की सूची उपलब्ध करवाने को कहा जो अत्यधिक बरसात के कारण प्रभावित हो सकते हैं। इसी प्रकार जल शक्ति विभाग से प्रभावित होने वाली पेयजल योजनाओं की सूची, वन विभाग को ऐसे पेड़ों का पता लगाने को कहा जो सड़को अथवा बिजली की लाईनों को क्षति पहुंचा सकते हैं, की सूची एक सप्ताह में प्रस्तुत करने को कहा।
पुलिस व होम गार्ड की टीमों का हो मजबूत तंत्र
उपायुक्त ने कहा कि किसी भी आपदा में पुलिस फस्र्ट रिस्पोण्डर के तौर पर कार्य करती है। ऐसे में पुलिस व होम गार्ड को अपनी टीमें तैयार रखनी चाहिए। डीसी को अवगत करवाया गया कि जिला में 67 होम गार्ड की सात बचाव टीमें बनाई गई हैं जिन्हें जरूरत पड़ने पर बुलाया जा सकता है।
पानी के सैंपलों की रिपोर्ट सौंपे स्वास्थ्य विभाग
ऋचा वर्मा ने जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों को बरसात के दौरान होने वाली बीमारियों की पर्याप्त दवाईयां व उपकरणों से सुसज्जित रखनेे के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आपदा की स्थिति में स्वास्थ्य विभाग को बड़ी जिम्मेवारी का निर्वहन करना पड़ता है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को जिले में जल जनित रोगों की रोकथाम के लिए पानी के सैंपल लेकर इनकी रिपोर्ट उपायुक्त को सौंपने को कहा।
जल स्त्रोतों के समीप कूड़ा-कचरा न फैंके
उपायुक्त ने कहा कि कूड़े-कचरे की समस्या से निपटने के लिए आम जनमानस का सहयोग अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि नगर परिषदें व पंचायतें सुनिश्चित करें कि कूड़ा घर के स्तर पर ही छंटाई करके प्राप्त किया जाना चाहिए। उन्होंने पंचायतों में भी कूड़े के समुचित निस्तारण के लिए पंचायती राज संस्थानों के प्रतिनिधियों से सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि गांव स्तर तक सफाई की व्यवस्था बनाने के लिए पंचायती राज संस्थानों के प्रतिनिधियों को आवश्यक व प्रभावी कदम उठाने चाहिए। विशेषकर नदी-नालों व अन्य जल स्त्रोतों के समीप किसी प्रकार की गंदगी फैलाने को गंभीरतापूर्वक लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि नदी नालों का पानी शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में पीने के लिए उपयोग में लाया जाता है और ऐसे में लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ नहीं किया जाना चाहिए।
अग्निशमन उपकरणों से लैस हो सभी मुख्य भवन
उपायुक्त ने कहा कि जिले में सभी सरकारी भवन, स्कूल व अन्य प्रमुख भवनों में फायर उपकरण सही हालत में रहने चाहिए। हितधारकों को इनके संचालन बारे जानकारी प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि बहुत से भवनों में ये उपकरण निष्क्रिय पड़े हैं, इन्हें हर समय क्रियाशील रखना सुनिश्चित बनाएं। विशेषकर आगजनी जैसी आपदा के दौरान अग्निशमन उपकरण विल्कुल तैयार रहने चाहिए।
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पंचायत स्तर पर शैल्टर होम चिन्हित करें
ऋचा वर्मा ने सभी खण्ड विकास अधिकारियों से पंचायत स्तर पर ऐसे सरकारी भवनों को चिन्हित करने को कहा जिन्हें आपदा के दौरान शैल्टर होम बनाया जा सके। इनमें सामुदायिक भवन, पंचायत घर अथवा अन्य भवन हो सकता है। आपदा के दौरान प्रभावित लोगों को इस प्रकार के शैल्टर होम की जरूरत पड़ सकती है।
नदी किनारे सैल्फी न लेने की चेतावनी व बोर्ड स्थापित करवाएं एसडीएम
ऋचा वर्मा ने कहा कि बहुत से सैलानी तेज बहाव वाली नदियों के समीप शिलाओं पर चढ़कर सैल्फी लेते नजर आते हैं और यदा-कदा दुर्घटना का शिकार भी बन जाते हैं। उन्होंने सभी एसडीएम को नदियों के किनारे शीघ्र चेतावनी बोर्ड लगवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पुलिस भी ऐसे संवेदनशील स्थलों पर सैलानियों को नदी के समीप जाने से रोके और स्थानीय लोगों से भी इस संबंध में पर्यटकों को सचेत करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि पार्वती नदी में पूर्व में अनेक घटनाएं देखने को मिली हैं। इन्हें रोकने के लिए स्थानीय लोगों का सहयोग लिया जाना चाहिए और सैलानियों को लोग भी सतर्क करें।
आपदा की सूचना 1077 पर दें
उपायुक्त ने कहा कि जिले के किसी भी भाग में किसी भी प्रकार की आपदा की रिपोर्ट तुरंत से टाॅल-फ्री नम्बर 1077 पर दी जानी चाहिए। हालांकि, जिला में गठित आपदा प्रबंधन के सभी सदस्यों के नम्बर भी मौजूद हैं जिन्हें समय-समय पर समाचार पत्रों के माध्यम से भी प्रचारित किया जाता है।
विभाग करें नोडल अधिकारियों की नियुक्ति
डीसी ने सभी विभागों को नोडल अधिकारी नियुक्त करने को कहा। उन्होंने कहा कि नोडल अधिकारी हर समय फोन पर उपलब्ध रहना चाहिए। नोडल अधिकारियों की सूचना जिला आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ को शीघ्र देने को कहा।
एसडीएम संबंधित उपमण्डलों में अलग से करें बैठकें
उपायुक्त ने जिला के समस्त एसडीएम को संबंधित उपमण्डलों में बरसात की तैयारियों को लेकर बैठकें आयोजित करने को कहा। उन्होंने कहा कि राहत व बचाव कार्यों के दौरान कोविड-19 के प्रोटोकोल को भी ध्यान में रखना होगा। डीसी ने कहा कि कम्यूनिकेशन तथा सूचना का तुरंत आदान-प्रदान किसी भी आपदा के दौरान सबसे महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने बीएसएनएल से शैडो क्षेत्रों में सिगनल को समय रहते दुरूस्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पुलिस तुरंत से किसी भी आपदा की जानकारी को 1077 पर शेयर करें। इसी प्रकार, सभी विभाग किसी भी आपदा का पता चलने पर जानकारी को सांझा करें। उन्होंने कहा कि गोताखोंरो अथवा तैराकों की टीम को भी चिन्हित कर लें।
अधिकारियों की अनुपस्थिति पर गंभीर दिखी उपायुक्त
ऋचा वर्मा ने कहा कि ऐसी बैठकों को गंभीरतापूर्वक लिया जाना चाहिए, जिनमें आम जनता की समस्याओं और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाना शामिल हो। उन्होंने बैठक में कुछ अधिकारियों विशेषकर राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारियोंकी अनुपस्थिति का कड़ा संज्ञान लेते हुए चेतावनी जारी करने को कहा। उन्होंने कहा कि विभाग मांगी गई सूचनाओं को तुरंत से उपलब्ध करवाएं और किसी प्रकार के विलंब पर सख्ती से निपटा जाएगा।
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बैठक में अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी एस.के. पराशर, एसडीएम मनाली रमन घरसंगी व एसडीएम कुल्लू डाॅ. अमित गुलेरिया जिला मुख्यालय में मौजूद रहे जबकि एसडीएम बंजार हेम राज, एसडीएम आनी चेत सिंह, लोक निर्माण, जल शक्ति व विद्युत विभागों के अधीक्षण अभियंता, कमाण्डेट होम गार्ड, कमाण्डेंट आई.टी.बी.पी. एसदसबी, डीएसपी प्रियंक, समस्त खण्ड विकास अधिकारी तथा अन्य विभागों के अधिकारी वर्चुअल माध्यम से जुडे़।